लाल आँखों वाले मेंढ़क

लाल आँखों वाला मेंढ़क, जिसका वैज्ञानिक नाम Agalychnis callidryas है, उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में रहने वाली एक रंग-बिरंगी मेंढ़क की प्रजाति है। इसकी विशिष्ट लाल आँखें और हरी त्वचा इसे पहचानने में आसान बनाती हैं। इस मेंढ़क को अपनी अद्भुत कूदने की क्षमता और पेड़ों पर रहने की आदत के कारण “मंकी मेंढ़क” भी कहा जाता है। यह पालतू जानवर के रूप में भी लोकप्रिय है।


वैज्ञानिक वर्गीकरण

  • राज्य: एनिमेलिया (Animalia)
  • संघ: कर्डेटा (Chordata)
  • वर्ग: उभयचर (Amphibia)
  • आदेश: मेंढ़क (Anura)
  • कुल: हाइलोमेडूसिडी (Phyllomedusidae)
  • वंश: अगालिच्निस (Agalychnis)
  • वैज्ञानिक नाम: Agalychnis callidryas

शारीरिक विशेषताएँ और रूप

लाल आँखों वाला मेंढ़क एक छोटा उभयचर है, जिसकी शरीर की लंबाई 3.8 सेंटीमीटर (1.5 इंच) से लेकर 7 सेंटीमीटर (2.75 इंच) तक होती है। नर सामान्यत: मादा से छोटे होते हैं। इसके प्रमुख शारीरिक लक्षण इस प्रकार हैं:

  • रंग: इसकी हरी त्वचा के साथ-साथ इसके शरीर पर लाल आंखें, नीले और पीले धारी और नारंगी पैर होते हैं।
  • विशेषताएँ: इसके पैर में चिपचिपे पैड होते हैं, जिससे यह पेड़ों और पत्तियों पर चढ़ने में सक्षम होता है।
  • जीभ: लंबी और चिपचिपी जीभ इसे शिकार पकड़ने में मदद करती है।

वितरण और आवास

यह मेंढ़क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है, जो दक्षिण-मध्य अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में फैला हुआ है, जैसे कि मेक्सिको के वेराक्रूज़ और ओआक्साका राज्य, कोलंबिया, पनामा और कोस्टा रिका के कुछ हिस्सों में। यह मुख्य रूप से नदी और तालाब के पास, उच्च आर्द्रता वाले वर्षावनों में रहता है। इसका आदर्श तापमान 24°C (75°F) से लेकर 29°C (84°F) तक होता है, और रात में यह 19°C (66°F) से 25°C (77°F) तक रहता है।


जीवनकाल

यह मेंढ़क आमतौर पर 5 साल तक जीवित रहता है, जबकि पालतू के रूप में यह 8-12 साल तक जीवित रह सकता है।


आहार

लाल आँखों वाला मेंढ़क मांसाहारी है और यह मुख्य रूप से कीड़े जैसे मच्छर, टिड्डियाँ, पतंगे, और कभी-कभी छोटे मेंढ़क भी खाता है। इसके लार्वा या तोड़-मजहब की प्रारंभिक अवस्था में यह छोटे मच्छर और फ्रूट फ्लाई खाता है।


व्यवहार और जीवनशैली

लाल आँखों वाला मेंढ़क एक वृक्ष जीवन जीने वाला प्राणी है, जो अधिकतर समय पेड़ों पर व्यतीत करता है। यह तेजी से कूद सकता है और पत्तियों से पत्तियों तक छलांग लगा सकता है। यह रात्रिचर (नाइटलाइफ) है और दिन में आराम करता है, अपनी आँखें बंद करके अपने शरीर के रंग से खुद को छिपाता है।

  • आवाज: नर मेंढ़क अपनी प्रजनन के समय में उच्च स्वर में आवाज निकालते हैं ताकि मादा को आकर्षित कर सकें और प्रतिस्पर्धी नर को दूर कर सकें।
  • कंपन की प्रक्रिया: नर कभी-कभी मादा को आकर्षित करने और अपनी ताकत दिखाने के लिए अपनी शरीर को कंपन करते हैं।

अनुकूलन

लाल आँखों वाले मेंढ़क के पास कई अनुकूलन होते हैं जो उन्हें अपने शिकारियों से बचने में मदद करते हैं:

  1. कैंटॉफ्लाज: दिन के समय, यह अपने पैर और शरीर को इस तरह से छिपाता है कि यह आसपास के वातावरण में मिल जाता है।
  2. आँखों का उपयोग: जब शिकारियां नजदीक आती हैं, तो यह अपनी लाल आँखें दिखाकर शिकारियों को हैरान कर देता है और अपना समय बचाता है।
  3. चिपचिपे पैड: इसके पैरों पर चिपचिपे पैड होते हैं, जो इसे पेड़ों और शाखाओं पर मजबूती से चढ़ने में मदद करते हैं।
  4. चिपचिपी जीभ: शिकार पकड़ने के लिए इसकी लंबी और चिपचिपी जीभ बेहद सहायक होती है।

प्रजनन और यौन प्रजनन

लाल आँखों वाला मेंढ़क बारिश के मौसम में प्रजनन करता है। नर अपनी आवाज से मादा को आकर्षित करने के लिए जोर से आवाज करता है। मादा को आकर्षित करने के बाद, नर मादा की पीठ पर चढ़कर प्रजनन करता है। एक बार मादा अंडे देती है, नर उस पर शुक्राणु भेजता है।

  • अंडे: मादा करीब 40 अंडे देती है, जिन्हें वह पानी के पास स्थित पत्तियों पर रख देती है। अंडे को एक चिपचिपी परत से कवर किया जाता है जिससे यह सुरक्षित रहते हैं। अंडे 6-7 दिनों में फूटते हैं और उसमें से निकलने वाले लार्वा जल में गिर जाते हैं।

जीवन चक्र

लाल आँखों वाले मेंढ़क का जीवन चक्र निम्नलिखित चरणों से गुजरता है:

  1. लार्वा: यह पानी में तैरता हुआ जीव होता है।
  2. पैरों वाला लार्वा: कुछ हफ्तों बाद इसके पैर विकसित होने लगते हैं।
  3. किशोर: लगभग 2-3 महीने में यह किशोर मेंढ़क में बदल जाता है।
  4. व्यस्क: लगभग 4 महीने में यह पूरी तरह से व्यस्क बन जाता है।

संरक्षण स्थिति

IUCN रेड लिस्ट में लाल आँखों वाले मेंढ़क को “कम खतरे में” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन वनों की कटाई और पालतू व्यापार के कारण इनकी संख्या धीरे-धीरे घट रही है।


रोचक तथ्य

  • लाल आँखों वाले मेंढ़क पत्तियों के दोनों पक्षों पर अंडे देते हैं और कभी-कभी पत्तियों को मोड़कर अंडों को छिपा लेते हैं।
  • यह उभयचर जलवायु परिवर्तन और शिकारियों के दबाव के कारण जल्दी से अंडे दे सकता है, जो एक अनोखी जैविक प्रतिक्रिया है।
  • इसके लार्वा का शिकार पानी में रहने वाले कीड़े, मछलियाँ और मच्छर करते हैं, जबकि व्यस्क मेंढ़क का शिकार सांप, चमगादड़, और मगरमच्छ करते हैं।


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