बाघ (Panthera tigris) दुनिया के सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित जंगली बिल्ली के रूपों में से एक है। यह शाही शिकारी अपनी शानदार उपस्थिति और ताकत के लिए जाना जाता है। इसका शरीर गुलाबी-नारंगी रंग का होता है, जिसमें काले धारियां होती हैं। बाघों की लंबाई और वजन अलग-अलग होते हैं, लेकिन वे अपनी विशालता और ताकत के लिए प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में बाघों की संख्या घटकर सिर्फ 4,683 रह गई है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
बाघ की वैज्ञानिक श्रेणी
- राज्य: पशु जगत
- संघ: कशेरुकियों
- वर्ग: स्तनधारी
- गण: मांसाहारी
- कुटुंब: बिल्लियों का परिवार
- वंश: पैंथेरा
- प्रजाति: P. tigris
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बाघ की उपप्रजातियाँ
बाघ एक एकल प्रजाति नहीं है, बल्कि इसमें कई उपप्रजातियाँ शामिल हैं। ये उपप्रजातियाँ मुख्य रूप से एशिया में फैली हुई हैं, और उनमें शामिल हैं:
- बंगाल बाघ
- साइबेरियाई बाघ
- दक्षिणी चीनी बाघ
- इंडोचाइनीज बाघ
- मलेशियाई बाघ
- सुमात्रा बाघ
इन उपप्रजातियों में साइबेरियाई बाघ सबसे बड़ा है, जबकि बंगाल बाघ दूसरा सबसे बड़ा है। पहले कास्पियन बाघ और जावा बाघ जैसी उपप्रजातियाँ भी हुआ करती थीं, लेकिन अब ये विलुप्त हो चुकी हैं। इन अद्भुत जानवरों की रक्षा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
बाघ की विशेषताएँ और रूप
- आकार: बाघ का पुरुष 2.5–3.9 मीटर (250-390 सेमी) लंबा होता है, जबकि मादा की लंबाई 2–2.7 मीटर (200-275 सेमी) होती है।
- वजन: पुरुष बाघ का वजन 90–306 किलोग्राम (198–675 पाउंड) होता है, जबकि मादा बाघ का वजन 65–167 किलोग्राम (143–368 पाउंड) होता है।
- रंग: बाघ का रंग नारंगी और काले धारियों से सुसज्जित होता है, लेकिन दुर्लभ सफेद बाघ भी पाए जाते हैं।
- आंखें: बाघ की आंखें आमतौर पर सुनहरी या पीली होती हैं, जबकि सफेद बाघों की आंखें नीली होती हैं।
- कान: बाघ के कान छोटे और गोलाकार होते हैं, और उनके अंदर सफेद धब्बे होते हैं।
बाघ का वितरण और आवास
बाघ पहले अफगानिस्तान से लेकर रूस के सुदूर पूर्व तक, चीन, दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत, बांगलादेश, और श्रीलंका तक फैले हुए थे। लेकिन अब वे केवल कुछ क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं, जैसे कि भारत, रूस के सुदूर पूर्व, सुमात्रा और इंडोचाइनी। वे नदी के किनारे के जंगलों, आर्द्रभूमि वाले जंगलों, और घने जंगलों में रहते हैं।
बाघ का आहार और शिकार की आदतें
बाघ मांसाहारी होते हैं और मुख्य रूप से हिरण, सुअर, बांस और अन्य बड़े जानवरों का शिकार करते हैं। वे मुख्य रूप से रात्रिचर होते हैं और अपने शिकार को शांति से छिपकर पकड़ते हैं। बाघ के शिकार करने का तरीका ज्यादातर अकेले होता है, और वे अपने शिकार का पीछा करके या चुपके से हमला करते हैं।
बाघ का जीवनकाल
बाघ प्राकृतिक अवस्था में 10-15 साल तक जीवित रहते हैं, लेकिन जब उन्हें बंधक बनाकर रखा जाता है, तो उनका जीवनकाल 16-20 साल तक बढ़ सकता है। बाघ अक्सर अकेले रहते हैं और वे एक बड़ी व्यक्तिगत सीमा में फैले होते हैं।
बाघ का प्रजनन और जीवन चक्र
बाघों का प्रजनन साल भर होता है, लेकिन वे नवंबर से अप्रैल के बीच अधिक प्रजनन करते हैं। बाघ की मादा की गर्भावस्था 103-105 दिन तक रहती है और एक बार में 2-4 शावक पैदा होते हैं। शावक जन्म के समय लगभग 750-1600 ग्राम के होते हैं और पहले कुछ सप्ताह तक अपनी मां पर निर्भर रहते हैं।
बाघ संरक्षण
बाघों के संरक्षण के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, जैसे कि WWF के ग्लोबल टाइगर प्रोग्राम। इन अभियानों का उद्देश्य बाघों का संरक्षण करना, अवैध शिकार रोकना, और उनके आवास की रक्षा करना है।